चंद्रशेखर आजाद को नगीना से चुनाव जीतना क्यों जरुरी है?
अगर पिछले कुछ वर्षों पर नजर डालें तो आप पाएंगे कि खास कर दलित, पिछड़ों, आदिवासियों, एवं अल्पसंख्यकों पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार में बहुत जातिगत अत्याचार हुए हैं राजनीतिक पिछड़ापन, आर्थिक, शैक्षणिक पिछड़ापन बहुत महत्वपूर्ण कारक है,
आजकल जातिगत भेदभाव लगातार बढ़ता जा रहा है जातिगत अत्याचार भी निरंकुश हो गया है यहां तक कि दलितों आदिवासियों को न्याय तक नहीं मिल पाता ऐसे में कमजोरों की आवाज़ उठाने वाला कौन है..?
चंद्रशेखर आजाद आवाज़ उठाने वाला एक मात्र विकल्प है।
चंद्रशेखर नगीना लोकसभा से चुनाव जीतना बहुत जरुरी है इससे ना सिर्फ भारतीय राजनीति में बदलाव आएगा बल्कि दलितों, आदिवासियों को एक पहचान भी मिलेगी, उनकी आवाज़ संसद तक पहुंचेगी।
वर्तमान में कोई भी ऐसा नेता नहीं है जो दलित हित की राजनीति करता हो दलितों आदिवासियों पिछड़ों से वोट सब ले लेंगे लेकिन उन्हें अनुचित न्याय हक अधिकार के लिए कभी नहीं लड़ेंगे उसके लिए सिर्फ चंद्रशेखर आज़ाद एक विकल्प बचता है। पिछले कई सालों से चंद्रशेखर कमजोरों की आवाज़ है।
अब देश के लोगों की जिम्मेदारी बनती है ऐसे संघर्षशील व्यक्ति को संसद तक पहुंचाया जाए।
चंद्र शेखर आजाद को नगीना से चुनाव जीतना चाहिए क्योंकि वह अपनी उम्मीदों, विचारों, और नीतियों को लेकर जनता के बीच एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका जीतना एक संकेत हो सकता है कि लोग कैसे एक साधारण व्यक्ति को राजनीतिक समीक्षा के माध्यम से व्यावसायिक राजनीति में उतारने की स्थिति को पसंद कर रहे हैं।
इसमें कोई दोराय नहीं कि चंद्रशेखर आज़ाद की जीत से सभी को राजनैतिक फायदा मिलेगा।
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