भारतीय राजनीति में दलितों का भविष्य क्या होगा?

राजनीति एक विषय है जिसमें कभी-कभी पूर्वानुमान करना कठिन हो सकता है, क्योंकि यह कई तत्वों पर निर्भर करता है जैसे कि समाज, आर्थिक स्थिति, विचारधारा, और नेताओं के प्रभाव। भारतीय राजनीति का भविष्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तनों के साथ जातिगत ढांचे पर पर निर्भर करेगा।

कुछ महत्वपूर्ण कारक जैसे कि युवा और महिला सशक्तिकरण, तकनीकी उन्नति, और आर्थिक सुधार के साथ साथ जातिगत समीकरण इसके भविष्य को प्रभावित करेंगे। साथ ही, राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन और सहयोग का स्तर भी महत्वपूर्ण होगा।

कुछ तय नहीं कहा जा सकता कि भविष्य में दलित राजनैतिक स्थिति क्या होगा, लेकिन यह संभावना है कि भारतीय राजनीति में युवा और महिला सक्रिय भूमिका निभाएंगे लेकिन अब दलितों ने भी राजनीति में अपने आप को स्थापित करना शुरू कर दिया है हालांकि कुछ स्वार्थ वश अपनी वैचारिक पृष्ठभूमि को छोड़ अन्य राजनीतिक दलों से तालमेल बिठाने प्रयासरत हैं लेकिन जातिगत स्तर वो कभी नहीं उबर पा रहे।
 लेकिन कुछ महत्वपूर्ण राजनेता जो भारतीय राजनीति में अपने आप को स्थापित करने में सफल रहे हैं उनमें मायावती प्रमुख हैं चंद्रशेखर आजाद राष्ट्रिय स्तर पर उभारते हुए नेता हैं।
आगामी समय में दलित अगर राजनैतिक रूप से अपने आप को स्थापित कर लेते हैं तो इसमें कोई दोराय नहीं की वो एक महाशक्ति के रूप में उभरेंगे, हालांकि शिक्षा, रोजगार, बौद्धिक स्तर और साहित्यिक तरक्की में वर्षों लग जाएंगे।