Image By - unsplash भारत में रंगभेद -
लोग कहते हुए मिल जाएंगे कि भारत में रंगभेद नहीं होता ऐसा मानने वाले लोग सिर्फ अपने में सीमित रहते हैं या फिर इस पर बात नहीं करना चाहते या फिर इस बात को कभी अनुभव नहीं करते लेकिन यह कह देना कि भारत में रंगभेद नहीं है नादानी होगी, मूर्खता होगी, गैर जिम्मेदाराना बात होगी, भारत में रंगभेद खूब चलता है, घर-घर में रंगभेद है हर व्यक्ति के अंदर रंगभेद की भावना है बस उसका वीभत्स रूप प्रकट नहीं हो पाता। रंगभेद के आधार पर हत्या नहीं हो पाती लोगों को रंगभेद के आधार पर पीटा नहीं जाता। तो क्या यह कह देना कि भारत में रंगभेद नहीं है,.. उचित होगा।
इसके पीछे एक कारण है कि यहां के लोगों ने हत्याओं के लिए या पीटने के लिए कई अन्य मार्ग पहले से ही खोज रखे हैं ताकि विश्व के सामने सीना फैला कर 56 इंच का करके यह कह सकें कि यहां भारत में रंगभेद नहीं है,

आइए समझते हैं भारत में रंगभेद का स्वरूप -
‌भारत में रंगभेद से इंसान तो इंसान भगवान भी परेशान हैं - कृष्ण जी अपनी माता से कहते फिर रहे हैं कि राधा क्यों गोरी और मैं क्यों काला।  क्या यह रंगभेद नहीं है?
‌ लड़का काला हो कितना भी काला हो, उसे देखकर कोयला भी शर्मा जाए लेकिन उसे बहू गोरी चाहिए। क्या यह रंगभेद नहीं है ?
‌ गांव के लोग काले होते हैं शहरों में उनकी पहचान अलग से कर ली जाती है ऐसा शहरी लोगों का मानना है। क्या यह रंगभेद नहीं है?
‌ अगर कोई नेता या फिल्मकार काला हो और उसे कोई व्यक्ति पसंद ना करता हो पसंद ना करने की वजह कोई भी हो चाहे विचारधारा हो, धर्म हो, संप्रदाय हो, जाति हो, तो उस नेता या अभिनेता को काला तीतर बोलकर गाली देते हुए लोग खूब मिल जाएंगे। क्या यह रंग भेद नहीं है ?

‌ दक्षिण भारत के लोग काले होते हैं लेकिन वहां की फिल्मों की हीरोइन गोरी होती है। क्या यह रंगभेद नहीं है?
‌ काले रंग का लड़का हो या लड़की उनके कम मित्र होते हैं या फिर लोग उन्हें पसंद नहीं करते। क्या यह रंगभेद नहीं?
‌ किसी काली औरत को काली या कलूटी कहकर चिड़ाना। क्या यह रंगभेद नहीं है?
यहां खूब रंगभेद है पर उससे ज्यादा किसी की कोई क्षति नहीं होती बस मानसिक रूप से परेशान किया जाता है और ज्यादा कुछ नहीं। एक खूबी और है... कि यहां के लोगों ने काले होने पर कोई चिढ़ा ना सके इसके लिए एक कहावत विकसित कर ली है - कला रंग मेहनत का रंग होता है।